Friday, June 21, 2019

2015中英文化交流年 第二届全球中国对话:超文化与新型全球治理

2015年是中英文化交流年,在中英文化交流史上具有重要的意义。中英两国在对方国家举办一系列高水平的文化活动,并均以“创意/创造(creativity)”作为各自文化季的主题,以进一步加强两国的文化交流和产业合作,增进两国人民的相互了解和友谊。
第二届全球中国对话于中英文化交流年期间举办意义重大。这次活动将以“超文化和新型全球治理” 为主题展开对话与交流, 诸多领域国际著名学者和对全球事务具有影响力的人物将参加对话。会上将创刊《中国比较研究》双语期刊,介绍超文化与新型全球治理,展开若干主题的对话与讨论,如超文化和比较视野下的“文明的对话”,中欧可持续城镇化研究,英国的学校治理、全球超文化教育与学习,以及社会创造、超文化及其新型全球治理。来自中国、美国、法国、比利时和英国等诸多领域国际著名学者和对全球事务具有影响力的人物参加对话。
这次活动将由全球中国比较研究会、英国威斯敏斯特大学中国传媒中心、中国复旦大学发展学院和全球青年企业家协会联合主办,它得到了中国驻英大使馆文化处、英国文化委员会、英国社会学会、中国世界政治研究会等机构、学术团体和参与活动的所有支持和赞助单位的鼎力相助。
  •  演讲嘉宾
  1. 马丁·阿尔布劳(Martin Albrow)教授,英国社会科学院院士;英国社会学会名誉副主席
  2. 邴正教授,中国吉林大学常务副校长;中国社会学会副会长
  3. 凯利·布朗教授,英国伦敦国王学院中国研究中心主任
  4. 科林·布拉德福德(Colin Bradford)博士,美国布鲁金斯学会高级研究员
  5. 皮埃尔•卡蓝默(Pierre Calame)先生, 瑞士梅耶人类进步基金会主席; 法国中欧社会论坛创始人
  6. 克莱门特 – 琼斯(Timothy Clement-Jones)勋爵,英国议会跨党派中国小组副主席
  7. 英格丽·克兰菲尔德(Ingrid Cranfield)女士, 全球中国比较研究会理事,英国伦敦恩菲尔德市前副市长
  8. 吉尔•德拉诺瓦(Gil Delannoi)教授,法国巴黎政治学院政治研究中心主任
  9. 范丽珠教授,复旦大学社会发展与公共政策学院
  10. 冯琰博士, 英国威斯敏斯特大学中国传媒中心访问学者;中国传媒大学讲师
  11. 查尔斯·格兰特(Charles Grant) 先生,欧洲改革中心主任;全球中国比较研究会信托人
  12. 郝斐,全球青年企业家协会 会长; 英国UVIC 集团总裁
  13. 伊莎贝尔•希尔顿(Isabel Hilton)女士,中外对话创始人、主编
  14. 斯科特·拉什(Scott Lash)教授,伦敦大学哥德史密斯学院文化研究中心主任
  15. 孔令涛先生,孔子国际教育集团董事长、世界孔子基金会主席
  16. 柳宏教授,扬州大学文学院院长
  17.  刘晓明先生,中国驻英使馆大使
  18.  毛里奇奥•马里内利 (Maurizio Marinelli) 博士,英国萨塞克斯大学亚洲中心主任
  19.  阿洛克·夏尔马 (Alok Sharma)先生,英国国会下议院议员; 东西方领袖论坛创始人
  20.  山姆·威敏斯特 (Sam Whimster) 教授, 《韦伯研究》主编; 伦敦都市大学全球政策研究所文化与现代化项目主任
  21.  姚文放教授,中国扬州大学文学院
  22.  于硕教授,香港理工大学中欧超文化对话中心代表; 法国中欧社会论坛共同创始人
  23. 通过跨文化的对话,寻找全球化语境下的新知识、新范式,以更好应对全球治理面临的挑战,并探索互利互惠、共生共存共荣的可能
  24. 推动各国与中国的学术研究机构和智库的合作,共同关注“全球化与中国”话题下的学术、理论和方法,建立各机构和智库之间的合作机制

Monday, June 17, 2019

विश्व कप 2019: क्या पाकिस्तान अब क्रिकेट में बहुत पीछे रह गया है?

इंग्लैंड में जारी आईसीसीसी विश्व कप क्रिकेट टूर्नामेंट में बीते रविवार को भारत ने जिस आसानी से चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को मात दी उसका अंदाज़ा शायद ही किसी को रहा होगा.
अब इसे लेकर चर्चा हो सकती है कि जिस पाकिस्तान ने इसी विश्व कप में ख़िताब की दावेदार मानी जा रही मेज़बान इंग्लैंड को आसानी से हराया आख़िरकार उसी पाकिस्तान ने भारत के सामने इतनी आसानी से घुटने कैसे टेक दिए.
मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफ़र्ड मैदान में जब पाकिस्तान के कप्तान सरफ़राज़ अहमद ने टॉस जीतकर पहले फिल्डिंग करने का फ़ैसला किया तभी सभी के मन में पहला विचार यही आया कि उन्होंने यह क्या किया.
सरफ़राज़ अहमद के उस फ़ैसले का फ़ायदा उठाते हुए भारत ने रोहित शर्मा के शानदार शतक की मदद से निर्धारित 50 ओवर में पांच विकेट खोकर 336 रन बना डाले.
पहले तो पाकिस्तान के गेंदबाज़ नहीं चले और उसके बाद उसके बल्लेबाज़ भी नौसिखिए की तरह एक के बाद एक विकेट गंवाकर बारिश से प्रभावित मैच में डकवर्थ लूइस नियम के आधार पर 89 रन से हार गए.
इन तमाम बातों को लेकर क्रिकेट समीक्षक विजय लोकपल्ली मानते है, "हर बार की तरह इस बार भी भारत-पाकिस्तान के मुक़ाबले को लेकर बहुत शोर शराबा हुआ. लेकिन मैच के नतीजे से यह साबित हो गया कि दोनो टीमों में बहुत अंतर है. पाकिस्तान क्रिकेट में बहुत पीछे रह गया है. क्रिकेट में भारत की तरक्की उसके खेल में दिखती है. इसके बावजूद पाकिस्तान का पतन क्रिकेट के लिए ठीक नही है."
विजय लोकपल्ली यह भी मानते हैं कि इसका अर्थ यह भी नहीं है कि अगर भारत हारेगा तभी विश्व क्रिकेट अच्छा होगा.
अब अगर मैच की बात करें तो भारत के पास विश्वस्तरीय खिलाड़ी है दूसरी तरफ़ पाकिस्तान के केवल मोहम्मद आमिर ने कुछ अच्छी गेंदबाज़ी की.
बल्लेबाज़ी में फ़ख़र ज़मां, बाबर आज़म और दूसरे खिलाड़ी अच्छे ज़रूर हैं लेकिन पाकिस्तान को इस हार से उबरने में बहुत समय लगेगा.
इसके अलावा टॉस जीतकर पहले फ़ील्डिंग करने के पाकिस्तान के कप्तान सरफ़राज़ अहमद के फ़ैसले को लेकर विजय लोकपल्ली कहते हैं कि उस समय तो यह निर्णय ठीक लग रहा था.
अगर भारत टॉस जीत जाता तो वह भी शायद यही करता लेकिन रोहित शर्मा और केएल राहुल ने बहुत शानदार बल्लेबाज़ी की.
दूसरी तरफ़ अगर पाकिस्तान को शुरू में कुछ विकेट मिल जाते तो यक़ीनन मैच का रुख़ कुछ और होता.
वैसे भी जब किसी टीम को अच्छी शुरुआत मिल जाए तो फिर बाद में हालात को संभालना आसान हो जाता है और उसी का फ़ायदा उठाते हुए विराट कोहली ने भी शानदार बल्लेबाज़ी की.
विजय लोकपल्ली मानते हैं कि कुल मिलाकर भारतीय टीम और उनकी योजना बेहद मज़बूत थी. विराट कोहली ने दूसरे बल्लेबाज़ों को स्ट्राइक भी दी और रन की रफ़्तार भी बनाए रखी.
वैसे पाकिस्तान ने ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ भी टॉस जीतकर पहले फिल्डिंग करने का फ़ैसला किया और हारा. तो क्या पुरानी ग़लती से पाकिस्तान के कप्तान ने कोई सबक़ नहीं सीखा.
इसे लेकर विजय लोकपल्ली मानते हैं कि अब मैच के बाद कुछ भी कहा जा सकता है, जैसा कि श्रीलंका ने शिकायत की कि उन्हें तेज़ पिच दी जा रही है, दूसरी तरफ़ आईसीसी की कोशिश है कि फ्लैट पिच बनाई जाई. इससे दर्शक और प्रसारणकर्ता दोनों को लाभ होता है, पूरे 50 ओवर देखने को मिलते हैं.
उनका उद्देश्य होता है कि जो टीम पहले खेले वह पूरे 50 ओवर खेले और बाद वाली टीम भी कम से कम 45 ओवर खेले.
विजय लोकपल्ली कहते हैं कि भारत-पाक मैच में पिच में कोई दम नहीं था. वहीं पाकिस्तान की गेंदबाज़ी में भी दम नही था. रविवार के मैच के बाद पाकिस्तान को बहुत सोचना होगा क्योंकि कहीं भी लगा नहीं कि वह विश्व कप क्रिकेट की टीम है.
इसी बात को आगे बढ़ाते हुए विजय लोकपल्ली कहते हैं कि ऐसा लगता है कि पाकिस्तान अच्छे तेज़ गेंदबाज़ और बल्लेबाज़ के लिए जूझ रहा है.
विश्व कप से पहले इंग्लैंड के ख़िलाफ़ कुछ मैचों में पाकिस्तान ने 300 या उससे अधिक रन बनाए लेकिन रविवार का दिन गेंदबाज़ों के लिए ख़राब था. तेज़ गेंदबाज़ हसन अली हो या वहाब रियाज़ या फ़िर स्पिनर मोहम्मद हफीज़ या शादाब खान कोई करिश्मा नहीं दिखा पाया.
दरअसल पाकिस्तान के लिए रविवार को कुछ भी ठीक नहीं था. पहले ख़राब गेंदबाज़ी, ख़राब फ़ील्डिंग और फ़िर बेहद ख़राब बल्लेबाज़ी.
सबसे बड़ी बात उनकी कमियं बेहद आसानी से सामने उभर आईं.
विजय लोकपल्ली कहते हैं कि शुरुआत से लेकर आख़िर तक पाकिस्तान ने इतनी ग़लतियां की कि उसके समर्थक तक मैच समाप्त होने से पहले मैदान से उठकर चले गए.
यहां तक कि जब भारत के 336 रन बन गए तब शायद ही किसी को लगा हो कि भारत हारेगा.