Monday, June 17, 2019

विश्व कप 2019: क्या पाकिस्तान अब क्रिकेट में बहुत पीछे रह गया है?

इंग्लैंड में जारी आईसीसीसी विश्व कप क्रिकेट टूर्नामेंट में बीते रविवार को भारत ने जिस आसानी से चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को मात दी उसका अंदाज़ा शायद ही किसी को रहा होगा.
अब इसे लेकर चर्चा हो सकती है कि जिस पाकिस्तान ने इसी विश्व कप में ख़िताब की दावेदार मानी जा रही मेज़बान इंग्लैंड को आसानी से हराया आख़िरकार उसी पाकिस्तान ने भारत के सामने इतनी आसानी से घुटने कैसे टेक दिए.
मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफ़र्ड मैदान में जब पाकिस्तान के कप्तान सरफ़राज़ अहमद ने टॉस जीतकर पहले फिल्डिंग करने का फ़ैसला किया तभी सभी के मन में पहला विचार यही आया कि उन्होंने यह क्या किया.
सरफ़राज़ अहमद के उस फ़ैसले का फ़ायदा उठाते हुए भारत ने रोहित शर्मा के शानदार शतक की मदद से निर्धारित 50 ओवर में पांच विकेट खोकर 336 रन बना डाले.
पहले तो पाकिस्तान के गेंदबाज़ नहीं चले और उसके बाद उसके बल्लेबाज़ भी नौसिखिए की तरह एक के बाद एक विकेट गंवाकर बारिश से प्रभावित मैच में डकवर्थ लूइस नियम के आधार पर 89 रन से हार गए.
इन तमाम बातों को लेकर क्रिकेट समीक्षक विजय लोकपल्ली मानते है, "हर बार की तरह इस बार भी भारत-पाकिस्तान के मुक़ाबले को लेकर बहुत शोर शराबा हुआ. लेकिन मैच के नतीजे से यह साबित हो गया कि दोनो टीमों में बहुत अंतर है. पाकिस्तान क्रिकेट में बहुत पीछे रह गया है. क्रिकेट में भारत की तरक्की उसके खेल में दिखती है. इसके बावजूद पाकिस्तान का पतन क्रिकेट के लिए ठीक नही है."
विजय लोकपल्ली यह भी मानते हैं कि इसका अर्थ यह भी नहीं है कि अगर भारत हारेगा तभी विश्व क्रिकेट अच्छा होगा.
अब अगर मैच की बात करें तो भारत के पास विश्वस्तरीय खिलाड़ी है दूसरी तरफ़ पाकिस्तान के केवल मोहम्मद आमिर ने कुछ अच्छी गेंदबाज़ी की.
बल्लेबाज़ी में फ़ख़र ज़मां, बाबर आज़म और दूसरे खिलाड़ी अच्छे ज़रूर हैं लेकिन पाकिस्तान को इस हार से उबरने में बहुत समय लगेगा.
इसके अलावा टॉस जीतकर पहले फ़ील्डिंग करने के पाकिस्तान के कप्तान सरफ़राज़ अहमद के फ़ैसले को लेकर विजय लोकपल्ली कहते हैं कि उस समय तो यह निर्णय ठीक लग रहा था.
अगर भारत टॉस जीत जाता तो वह भी शायद यही करता लेकिन रोहित शर्मा और केएल राहुल ने बहुत शानदार बल्लेबाज़ी की.
दूसरी तरफ़ अगर पाकिस्तान को शुरू में कुछ विकेट मिल जाते तो यक़ीनन मैच का रुख़ कुछ और होता.
वैसे भी जब किसी टीम को अच्छी शुरुआत मिल जाए तो फिर बाद में हालात को संभालना आसान हो जाता है और उसी का फ़ायदा उठाते हुए विराट कोहली ने भी शानदार बल्लेबाज़ी की.
विजय लोकपल्ली मानते हैं कि कुल मिलाकर भारतीय टीम और उनकी योजना बेहद मज़बूत थी. विराट कोहली ने दूसरे बल्लेबाज़ों को स्ट्राइक भी दी और रन की रफ़्तार भी बनाए रखी.
वैसे पाकिस्तान ने ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ भी टॉस जीतकर पहले फिल्डिंग करने का फ़ैसला किया और हारा. तो क्या पुरानी ग़लती से पाकिस्तान के कप्तान ने कोई सबक़ नहीं सीखा.
इसे लेकर विजय लोकपल्ली मानते हैं कि अब मैच के बाद कुछ भी कहा जा सकता है, जैसा कि श्रीलंका ने शिकायत की कि उन्हें तेज़ पिच दी जा रही है, दूसरी तरफ़ आईसीसी की कोशिश है कि फ्लैट पिच बनाई जाई. इससे दर्शक और प्रसारणकर्ता दोनों को लाभ होता है, पूरे 50 ओवर देखने को मिलते हैं.
उनका उद्देश्य होता है कि जो टीम पहले खेले वह पूरे 50 ओवर खेले और बाद वाली टीम भी कम से कम 45 ओवर खेले.
विजय लोकपल्ली कहते हैं कि भारत-पाक मैच में पिच में कोई दम नहीं था. वहीं पाकिस्तान की गेंदबाज़ी में भी दम नही था. रविवार के मैच के बाद पाकिस्तान को बहुत सोचना होगा क्योंकि कहीं भी लगा नहीं कि वह विश्व कप क्रिकेट की टीम है.
इसी बात को आगे बढ़ाते हुए विजय लोकपल्ली कहते हैं कि ऐसा लगता है कि पाकिस्तान अच्छे तेज़ गेंदबाज़ और बल्लेबाज़ के लिए जूझ रहा है.
विश्व कप से पहले इंग्लैंड के ख़िलाफ़ कुछ मैचों में पाकिस्तान ने 300 या उससे अधिक रन बनाए लेकिन रविवार का दिन गेंदबाज़ों के लिए ख़राब था. तेज़ गेंदबाज़ हसन अली हो या वहाब रियाज़ या फ़िर स्पिनर मोहम्मद हफीज़ या शादाब खान कोई करिश्मा नहीं दिखा पाया.
दरअसल पाकिस्तान के लिए रविवार को कुछ भी ठीक नहीं था. पहले ख़राब गेंदबाज़ी, ख़राब फ़ील्डिंग और फ़िर बेहद ख़राब बल्लेबाज़ी.
सबसे बड़ी बात उनकी कमियं बेहद आसानी से सामने उभर आईं.
विजय लोकपल्ली कहते हैं कि शुरुआत से लेकर आख़िर तक पाकिस्तान ने इतनी ग़लतियां की कि उसके समर्थक तक मैच समाप्त होने से पहले मैदान से उठकर चले गए.
यहां तक कि जब भारत के 336 रन बन गए तब शायद ही किसी को लगा हो कि भारत हारेगा.

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